भो स डी के

hate-speech-vs-free-speech खैर इसमे दो राय नहीं की मैं भी बहुत ही भद्दी भाषा का प्रयोग करके लिखता हुँ औऱ ये मेरी फ्रिडम आफ स्पीच भी है, अगर मैं खुल के बोल नहीं सकता, अपनी भावनांए प्रकट नहीं कर सकता, तो फिर क्या चुत चाटने के लिए हमें भगवान ने जुबान दी है, पर क्या करु लोग सीधी बात समझते ही नहीं, लोगो को चाहिए हर वक्त कोई उनकी गांड में उंगली करके अपनी बात बताए । हाल फिलाल में आप सभी ने यु ट्युब पर All India Bakchod का कार्यक्रम Knockout With Ranveer Singh and Arjun Kapoor तो देखा ही होगा, हा पर ये ब्लाग उस बारे में है भी और नहीं भी, आईए थोडा रोशनी डालता हुँ, जिनके इलाको में रोशनी नहीं वो गांड मराए ।   इस देश में बहुत सी ऐसी घटनाऐं होती है जिसके बारे में कोई कुछ नहीं कहता, पर स्टेज पर चढकर गाली दे दे तो वो राष्ट्रीय मुद्दा बन जाता है और सभ्यता की दल्ले आपका छिछालेदर करने पहुँच जाते हैं, मादरचोद।  (हांलाकि अर्जुन कपुर औऱ रणवीर सिंह को युथ आईकन बोल के गाली खाने वाला काम तो किया भी था AIB वालों ने) कार्यक्रम के दौरान दिखाए गए कई ऐसी चीजे हैं जो लोगो को पसंद भी आई और न पसंद भी, पर अगर Charity करने के किसी को लिए गाली देना पडे तो इसमें कोई बुराई नहीं है । मैं मानता हुँ कि सीधे मुँह भी दानपुण्य किया जा सकता है, पर हर कोई राजा हरिशचंद्र नहीं होता, हर किसी की अपनी क्षमता होती है, कोई गाली देकर दान पुण्य करता है तो कोई भगवान के नाम पे डरा के करवाता है और जो लोग धर्म का नाम लेकर, भगवान का नाम लेकर डराते हैं, उन्हे जहन्नुम में रोस्ट नहीं, तेल में तला जाता है, समझे भोसडी के । अरे हमारी जंता आजकल भिखारियों को सीधे मुँह भीख नहीं देती चैरेटी तो दूर की बात है, (ऐसा नहीं है कि लोग चैरेटी नहीं करते पर भी दान पुण्य करने वालों की संख्या कम है इस देश में) AIl India Bakchod शो के कार्यक्रम से काफी लोगो को आहात पहुँचा है, कई लोग इसे देश की संसकृति के खिलाफ भी मान रहे हैं, पर एक बात मैं उन गांडूओ से पुछना चाहुँगा की हर बार संसकृति सभ्यता को बीच में क्यों लाया जाता है, अरे विदेशों में भी लोग गाली गलोज करते हैं, पर क्या उन्होंने कभी इस पर बात की देश दुनिया से ?freedom_of_speech_in_europe “बात बात पर हमें संस्कृति का ढोल नहीं पिटना चाहिए, और अगर ऐसा कर रहे हो तो दुसरे विकसित देशों से अपने देश की तुलना मत करो भोसडी के !” मैं जानता हुँ इस ब्लाग को पढ के भी कई लोगो की भावनांए आहात होंगी उसके लिए मैं क्षमा मांगता हुँ, पर मुझे झाट भी फर्क नहीं पडेगा, क्योंकि अगर मुझे मेरी फ्रिडम आफ स्पीच नहीं मिल सकती तो मेरा जीवन व्यर्थ है । तो आप भी अपनी बात खुल के कहें, पर अपना वर्चस्व भी कायम ऱखे जय हिंद !

7 Comments

  1. Pedo ki raksha bhale na Karen lekin koi lal nishaan laga de toh Pooja karne pahuch jate hai..kisi ke saath kuch bhi bura ho raha ho bullying,eve teasing, Rape, murder,domestic violence kuch bhi chup chap tamasha dekhenge…par jaise he Books, Movies, Paintings,Shows ki baat uthegi sanskriti ke rakhwaale khade ho jaayenge
    Jitno ne protest kiya AIB ko vulgar kaha check their whatssapp bhara hoga “shanti dynamite” ke sanskritik programmes se …khair woh niji jeevan mei kya karte hai who alag baat par yeh doglapan humare desh ko jakde hue hai. Haar non issue ko hawa dena humari pehchan ban gayi hai…

  2. फटल भोसड़ा विनाशक,
    बात तो पते की कही है तुमने भोसड़ीवाले परन्तु अगर बात किसी दुसरे चूतिये को ४००० अनजान परन्तु उसी शहर की जनता के सामने उसके रंग रूप और उसके निजी रिश्तों को लेकर उसके ऊपर गाली दी जाए तो क्या यह सही रहेगा?

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