आप चाहें किसी भी शहर के निवासी हो, अगर आपके शहर में शापिंग माल्स है तो आप वहाँ जरुर जाते होंगे अपने घर परिवार वालों या दोस्तो या लैलाओ/मजनुओं के साथ शनिवार या रविवार को, है न ? और शापिंग माल्स भी अब लगभग भारतीय सभय्ता का एक हिस्सा बन चुका है ।
वेसे अमूमन तो सभी लोग घुमने फिरने, सनिमा देखने, KFC, McD में ठुंसने ही आते हैं पर जाने अन्जाने कई सारी बकचोदियाँ भी साथ लाते हैं । ऐसी ही कुछ बकचोदियाँ हम भी करते हैं पर आज हम उनपर हंसते हैं ।
- फोटू सेशन्स (Photo Session)
कई कालेज के लौंडे जो माल्स में घुसते साथ ही पहले मुत्रालय का दरवाजा ढुंढते हैं उन्हे आप अक्सर ये टायलेट में अपनी फोटे खेंचने वाली बकचोदी करते पाऐंगे ।अगर दुसरा आदमी मुत के हाथ धोने वाश बेसिन के पास आ भी जाए तो भी ये साले फो़टु खेचना नहीं छोडते हैं ।
अरे भोसडीवालों दुसरे व्यक्ति को हाथ तो धो लेने दो
लौंडियाँ भी कम नहीं है, देर सवेर अपनी सहेली के साथ एक फोटु food court में सेल्फि लेकर ही मानेगी और ततकाल फेसबुक पर अपलोड का घंटा बजा देगी ।
शापिंग माल्स में मंहगी मंहगी कारों पे लोग अपना फोटू सेशन्स वाले चुतियापे की छाप छोडना नहीं भुलते हैं. भले ही 100 सीसी की बाईक होगी इनके पास पर फोटो खिंचवाते वक्त सकल सुरत पे एक्सप्रेशन 4000 सीसी की BMW का देंगे
गेमिंग जोन में जाके खाली के Bowling section बाहर खडे होकर फोटो खिचवाने से आपके दोस्तों को ये पता चल जाता है कि आपने Bowling की है ।
- मंहगी दुकान सस्ते पकवान
जैसी ही हम औऱ आप कोई भी कपडे की मंहगी ब्रांडेड दुकाने देखते हैं तो गांड में एक बार कीडा तो काटता ही है कि जा कर कपडे का ट्रायल लें और जैसे ही प्राईस टैग देखते हैं गांड फट के हाथ में आ जाती है, तब दुकानदार के प्रति हमारी प्रतियक्रिया कुछ ऐसी होती
“नहीं भैय्या it’s okay, पर ये कपडा मुझे फिट नहीं आ रहा है और कलर भी कुछ जज नहीं रहा है, रहने दिजिए “
और फिर हम दनादन पहुँच जाते हैं बिग बाजार या इत्यादी जगह जहाँ सेल लगी होती है ।
कुछ हरामी लौंडे तो ब्रांडेड शोरुम में ट्रायल ले लेकर दुकान की मा बहन एक कर देते हैं और अंत में चड्डी खरीद कर खुद को शंहशाह समझते हैं ।
कुछ ऐसा ही हाल होता है उन लौंडो का जो McD, KFC इत्यादी में जाके काउंटर पर जा कर पूरा मेनु देखकर समय बर्बाद करके ऐक झांट भर का बर्गर लेते और एक्ट्रा sauce का पैकट मांगते हैं और टिशु पेपर चोरी करके ले जाते हैं अलग , मादरचोद साले !
- लैला मजनु और वो
अक्सर देखा जाता है की जब भी लौंडा लौंडिया साथ में शापिंग माल में जाते हैं तो लौंडे की नजर अपनी लडकी को छोडकर कर बाकी सारी लडकियों के उपर रहती है, कुछ लडकियाँ जो थोडी खुबसुरत हों और किसी दुकान में स्टोर मैनेजर हो वहाँ ये लौंडे लाईन मारना नहीं छोडते ।
सनिमा हाल में हमेशा इन सालों को कार्नर सीट ही चाहिए होती है, एक तो आजकल के मल्टिप्लैक्स में ज्यादा स्क्रिन होने की वजह से उसें झांट झांट भर की कैपेसीटी वाला बनाया जाता है, उसमें भी इनकों चोंच लडना होता है ।ये ही नहीं खाने पीने की जगह में भी संकुचाए हुए साले कोना ही खोजते हैं,
“अरे इतना शर्म है तो ले के काहें आते हो “
अधेड उम्र के अंकल लोग भी कम नहीं है, लाते तो हैं अपनी मोटकी मोटकी बीबीयों की साडी सुट पहना के और खुद चले आते हैं टी शर्ट जीन्स और फरफ्युम लगा के स्टाईल मारने ।
“क्या अंकिल क्या इरादा है “
- माल्स में में मैनेजमैंट वालों की अंग्रेजी से तो हम सभी वाकिफ हैं, साले पता नहीं कौन सी स्कुल से पढ के आते हैं, (अगर आज इनकी अंग्रेजी शेक्सपियर सुन लेते तो वो इनको जुता फेक के मारेते)
“अरे भैया तनिक धीरे बोलिए, समझ में तो आए क्या बोल रहे हो “
- ट्रायल रुम ट्रायल कम और फोटो सेशन ज्यादा होता है ।
“भोसडी के सारी फोटो आज ही ले लेगा क्या”
- किसी खुबसुरत लडकी के बगल में खडे होकर अपने दुई कौडी के ऐंड्रायड मोबाईल से दिखावा करना औऱ बिना मतलब का स्टाईल मारना ।
“बस करो बेट्टा”
तो आप भी अगर किभी अगली बार माल जाऐं तो इन सब बकचोदियों पर गौर करें,आपको कुछ नया मिलें तो हमें बताऐं, हम यहाँ शेयर करेंगे ।
खैर इन सब वजहों से कोई माल जाना तो छोडेगा नहीं हाँ पर अगली बार आप जरुर इन बातों पे गौर करके हंसेंगे,
आप माल जाते रहें औऱ मजे करते रहें ।
Kadak
Wash wash…good observation.. Bhasha bhai zabbardast hai…Rhoda Hindi ki ashuddhiyo pe hour Karen..Jo shuru me likha hai WO “Waah Waah” hai..Mera autocorrect bhonsda gaya..
bhai media par kuchh likhen.jo baba,pandito,or future btane walo ko bithaye rakhte hai or baat no.1 channel hone ki karte hai.
zaroor likhenge…
बड़े गौर से अध्यन किया गया है 😛
karna padta hai 😛
good one
Mast bahi..Kya sahi observation hai 2mhari.. 🙂